Editorial
ज्ञान विज्ञान को साधकर अपने हित में इस्तेमाल करने की जो क्षमता मनुष्य मे विकसित हुई, वह पृथ्वी-तन्त्र के अन्य जीवों में नहीं है । पेड़-पौधों और बहुत से अन्य जीव-जन्तु हाँलाकि मनुष्य से अधिक संघर्षशील, बुद्धिमान और उदार हैं, उन्होंने मनुष्य की तरह पृथ्वी-तन्त्र के खिलाफ अपने वर्चस्व का तन्त्र नहीं बनाया । उन्होंने प्रकृति की सार्वभौमिक व्यवस्था से छेड़-छाड़ नहीं की । इनमें से कई पृथ्वी-तन्त्र के लिए मनुष्य से भी अधिक…
Poetry
मिल ही जाएगी राखी, मेरे मामा को आज भेजी है जो मां ने प्रेम से, विक्रम के साथ । देखो विक्रम! उतरना हल्के पांव, मामा के आंगन। और फिर सौंप देना यह रक्षा सूत्र मामा के हाथ। पांव छू कर फिर मामा के जोर से कहना “मामा मैं आ गया।” मामा फिर लगा कर गले तुझको सच में यही कहेगा, “पूरी दुनिया से मिला हूं मैं पर तुझ से मिल कर मजा आ गया।”🇮🇳 शुभ कामनाएं💐💐
Art & Culture
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Agriculture
भारत वैश्विक स्तर पर मोटे अनाजों (millets) का सबसे बड़ा उत्पादक देश रहा है। मोटे…
Environment
भारत एक प्राकृतिक संसाधन सम्पन्न राष्ट्र है जिसकी भूमि पर वन, नदी, झरने, झील, सागर…
Health
“SMARTPHONE” when the word enters in our ear the brain automatically hits some thoughts related…
Small Industry
आजकल किसानों के लिये मत्स्य पालन कार्य ग्रामीण रोजगार तथा आय का एक अच्छा साधन बनता जा रहा है। इसके प्रति रुचि उत्पन्न होने से लोग इसे व्यवसाय के रुप में अपनाने लगे हैं। तालाबों से अधिक से अधिक मत्स्य उत्पादन प्राप्त करने के लिये यह आवश्यक है कि इस कार्यक्रम को पूरे वर्ष वैज्ञानिक ढ़ग से सम्पादित किया जाये। मत्स्य पालन के दौरान वर्ष के किस माह में कौन कौन से कार्य किये जायें इसकी जानकारी मत्स्य पालक को होना आवश्यक है। तदसम्बन्धी विवरण निम्नवत् है:- माह सम्पादित किये जाने वाले कार्य मई तहसील स्तर से ग्राम सभा के तालाब का 10 वर्षीय पट्ठा प्राप्त करना। निजी स्वामित्व के अकृषक, जलमग्न भूमि पर नया तालाब बनाने के लिये स्थल का चयन तथा स्थल के मृदा का…
कुआँ या कूप जमीन को खोदकर बनाई गई एक ऐसी संरचना है, जिससे भूजल को प्राप्त किया जाता है। इसे फावड़े से खोदकर, ड्रिल करके अथवा बोर करके बनाया जाता है। कुएँ साधारणतया 30 से 100 फुट तक गहरे होते हैं, पर अधिक पानी के लिये 150 से 500 फुट तक के गहरे कुएँ भी खोदे गए हैं। कुछ रिपोर्टस के अनुसार कई देषों में तो कुएँ छह हज़ार फुट तक गहरे खोदे गए और इनसे बड़ी मात्रा में पानी प्राप्त किया गया। ऑस्ट्रेलिया में चार सौ फुट से अधिक गहरे कुएँ खोदे गए हैं, इनसे एक लाख से लेकर एक लाख चालीस हज़ार गैलन तक पानी प्रतिदिन प्राप्त हो सकता था। भारत में, पुराने समय में बड़े आकार के कुओं से टिन की बाल्टी की लड़ियां बनाकर…
Abstract: In the developing world different kinds of energy are in use, which are either…